जगमगाता आसमाँ....सितारोंका मेला
चाँद है खामोश.....क्या है मामला
क्या चाहत है दिल में
क्या आरजू है जगी
यू धुवाँ है बिखरा
ये कैसी आग,दिल मे है लगी
ये खामोशी कबतक जी
ये नाराजी क्यों है जी
क्या करे हम,कैसे मनाये
कैसे करे आपको राजी
हम तो पास ही है
आपसे दूर नही
हा थोड़े खामोश है
मगर बेखबर नही
आपके दिल मे आ ही गये है
तो फिर जाएँगे कहाँ
इस दिल के आगे
कोई रहगुजर नही
दर्द हमारा.....
आपकी आँखों से बहे
बेशक आप चाहो हमे
मगर इस कदर नही
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