Wednesday 9 January 2019

आपके नाम ये 2 कविताएँ


साफ साफ समझेंगे
यू प्यार से समझाएँगे
तो क्या खाक समझेंगे,
दिल की चिंगारियों को भी
हम राख समझेंगे,
जरा गुस्सा तो लाईये,
लहेजा थोड़ा बदलिए,
तब जाकर ,हम हर बात
साफ साफ समझेंगे....!!!


हँसी माँग रहे हो
आँखों मे नमी लिए
हमसे हमारी हँसी माँग रहे हो
यू इस अंदाज में.....
हमारी खुशी माँग रहे हो,
या सजा सुना रहे हो
माँगकर भी क्या माँगा आपने,
हमारी हँसी....
चलो आज ये भी काम करते है,
अपनी हँसी आपके नाम करते है
ज्यादा ना सही,
थोड़ी बची है
संभाल कर रखना इसे
बड़ी नाजुक तितली है
जरासी हलचल हुई
तो उड़ जाएगी
अब की बार उड़ी
तो लौट कर ना आएगी !!!



j

3 comments:

rohini Killedar said...

Chan

N.s. said...

हॅसी माॅग रहे हो।.....
Very nice... too good...

N.s. said...

हॅसी माॅग रहे हो।.....
Very nice.... too good...

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