Wednesday 31 October 2018

बाकी हम ठीक है



आप्पा.…..
याद बहोत आ रही है आपकी,और कुछ नही.....
बाकी हम ठीक है....

हँसते-हँसते आँख भर आती है यू ही,
बोलना चाहते है कुछ , पर चुप बैठते है यू ही ,
दिल मे कसक उठती है,आह निकलती है यू ही
बेचैन होते है थोड़े, और कुछ नही.....
बाकी हम ठीक है....

रास्ते से गुजरते है तो, पिछे मुड़कर देखते है यू ही,
शायद आप बुला रहे हो, ऐसा लगता है यू ही,
रास्ता तो साथ है पर पैर नाराज है यू ही
रुक जाएँगे थोड़े,फिर चल पड़ेंगे....ओर कुछ नही....
बाकी हम ठीक है.....

रात होते ही....आसमान की ओर देखते है यू ही,
शायद कोई तारा टूटे तो आपको माँग लू यू ही,
कोई तो दुआ मंजूर हो जाए यू ही,
खड़े रहते है बेताब होकर वही....और कुछ नही....
बाकी हम ठीक है....

हँसकर छुपाते है, आपकी हर याद,दबाते है दिल मे यू ही,
उदास देखकर कोई पूछे तो, टालते है हर बात यू ही,
दिल भर आता है,तो मुँह फेर लेते है यू ही,
कोई पूछे तो,बोलते है आवाज सँभालकर.....और कुछ नही......
बाकी हम ठीक है.......!!!

Sunday 28 October 2018

डिप्रेशन से बचने के कुछ आसान तरीके...


पने आप को आनेवाले हर मुश्किल हालात के लिये तैयार रखिए। खुदको समय दीजिये।सुख दुख को balance करना सीखिये। अगर आप छोटी छोटी बातोंका ध्यान रखेंगे तो इस भागदौड़ भरी जिंदगी में भी खुदको खुश और डिप्रेशन से दूर रख सकते हो।


Deppresion से बचने के तरीके
●बात करे , मदद माँगे
अगर आप उदास हो या किसी बात से परेशान हो तो वक्त रहते,इस बात को अपने परिजनों के साथ या friends के साथ share करे।छोटी छोटी बातें दिल में रखने से बाद में आपको ज्यादा तकलीफ हो सकती है।इससे अच्छा है कि आप इस पर खुलके बात करो,मदद माँगो।अगर आपके दिल में कुछ दर्द है तो अपनों से बाँटो।वैसे तो कह देने से दर्द खत्म नही होता,लेकिन जब इसका फैलाव एक दिल से दूसरे दिल तक हो जाता है तो उसका रंग बहोत हल्का हो जाता है।।इसलियें जरूरी है कि आप अपनोंसे बात करो।प्यार बाँटने से बेशक रिश्ते गहरे हो जाते है लेकिन दर्द बाँटने से वो और भी मजबूत हो जाते है।कभी कभी दर्द आपको अपनोंके और करीब लाता है।

●दोस्तोंसे जुड़े रहे
कहते है , दोस्तों से बड़ी और कोई दौलत नही होती।जो बात घरवालोंसे कहने से आपको डर या संकोच  महसूस होता है, वो बात आप आसानीसे दोस्तों को बता सकते हो।उनकी मदद माँग सकते हो।कभी आप उदास हो तो अकेले रहना ठीक नही।इससे आपकी तकलीफ बढ़ सकती है।आप दोस्तों के साथ समय बिताओ,उनसे बाते करो।हमेशा अपने दोस्तोंसे से जुड़े रहिए।

● आज में जिए.....

इंसान को अपने आज में जीना चाहिए।अगर आप अपनी पुरानी गलतोयों को याद करेंगे,खुदसे शिकवा करेंगे तो धीरे धीरे आप डिप्रेशन के करीब पहुँच जाएँगे।बिता हुआ कोई भी पल,आप बदल नही सकते हो।जो बित गया सो बित गया वो अपने बस में नही होता।तो क्या फायदा पुरानी बातों को सोचकर।आपको आनेवाले पल के बारे में सोचना चाहियें क्योंकी , आनेवाला पल बिल्कुल कोरे कागज की तरह होता है।उसपर आप अपनी मर्जी से लिख सकते हो।

● काम का tension ना ले

आपको अगर अपने कार्यालय में कोई तकलीफ है या आप तनाव महसूस कर रहे हैं तो आपको इसपर गम्भीरता से सोचना चाहिए।आपकी चिंता की वजह नौकरी है और आप वहाँ संतुष्ट नही हैं तो आपको ऐसी जगह काम नही करना चाहिए।ये चिंता आपको आगे जाकर डिप्रेशन का शिकार बना सकती है।जो आपको सुकून ना दे सके वो नौकरी किस काम की?

●अपने आप को समय दीजिये

हर रोज Office, घर, शहर और वही दिनचर्या आपके दिल और दिमाग पर बुरा असर डाल सकती है।इसलिये जरूरत है कि आप बीच-बीच में छुट्टी लेकर कही घूमने जाए।माहौल बदलते रहने से मन fresh हो जाता है।आपको खुदको समय देना चाहिए।

●म्यूजिक सुने
संगीत में बड़ी अलौकिक शक्ति होती हैं।अच्छा संगीत मन आनन्दित और शांत कर देता है।ये बात वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित हो चुकी है।जब भी आप उदास है ऐसा लगे तो संगीत सुनना चाहिए।लेकिन एक बात का ध्यान रखिये,जरूरत से ज्यादा गम भरे गाने ना सुने।इससे आप और भी उदास हो जाएंगे।हल्का फुल्का संगीत सुने।

●वक्त पर खाए और रोजाना व्यायाम करें

आपको अपने खान-पान पर खास ध्यान देना चाहिये।वक्त पर और संतुलित खाना खाने की आदत आपको सेहतमंद बनाती है।इससे मन भी खुश रहता है।इसके साथ ही रोज समय निकालकर व्यायाम भी करना चाहिए।आप दिन में किसी भी वक्त व्यायाम कर सकते हो, लेकिन सुबह का समय इसके लिए सही और ज्यादा फायदेमंद होता हैं। व्यायाम करने से शरीर में सेरोटोनिन और टेस्टोस्टेरोन जैसे hormones release होते हैं,जो दिमाग को स्थिर और शांत करते है।इससे शरीर मे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
आप अपने पसंद का कोई भी व्यायाम कर सकते हो...जैसे कि,
वॉकिंग
जॉगिंग
सायकलिंग
स्विमिंग

●पूरी नींद सोएं
अच्छी और पूरी नींद आपकी सारी थकान दूर कर देती है।रोजाना कम से कम 7 से 8 घंटोंकी नींद जरूरी होती है।अपनी नींद के साथ समझौता ना करे।आप कितने भी व्यस्त हो तो भी आपको समय पर सोना चाहिए।

●diary लिखने की आदत डालें

 हम अपने दिल की हर बात दूसरों को नही बता सकते।कभी कभी कुछ तो ऐसा होता हैं जो मन का मन में ही रह जाता हैं।ना हम किसीसे कह पाते है और नाही अंदर की तकलीफ सह पाते है।इस दुविधा से अगर बाहर आना हैं तो अपने अंदर के लेखक को जगाइए।diary लिखने की आदत डालिये।मन की वो हर बात आप अपनी diary में लिख सकते है।इससे आपका मन हल्का हो जाएगा और दिल पर कोई बोझ नही रहेगा।

● माफी माँगना और माफ करना सीखिये

हमारे बहोतसे दुःखों का कारण हमारे अंदर का अहंकार होता है।जो हम बेवजह पालते हैं।सबसे बेकार चीज अगर कुछ है तो वो यही है।हमे इससे बाहर आकर सोचना चाहिए।दूसरोंको माफ करना और जरूरत पड़े तो माफी माँगना अगर हम सिख जाए तो बहोतसी मुसीबते टल सकती है।


हमेशा खुश रहिये,हँसते रहिये......



Friday 26 October 2018

आप हमें मिले



न जाने कैसे आप हमें मिले,
बात यू आगे बढ़ी अनजाने में.....

किस्मत का भी अजीब दांव होता है,
अभी यू अचानक, बहार भेज देता है वीराने में.....

आपको पाया तो जाना, प्यार कितना हसीन होता है,
पर बहोत देर लगा दी आपने आने में.....

एक आपका ही जिक्र रहता है हरपल,हमारे लबों पर
बड़ा सुकून मिलता है हमे,आपका नाम दोहराने में.....

दिल पर यूँ दस्तक देकर,आप खड़े हो मासूम बनकर
और हम डूबते ही जाते है, आपकी नजर के पैमाने में.....!!!

प्यार आया



कभी यूँ ही,तो कभी किसी बात पर प्यार आया
हमे तो आपके हर अंदाज पर प्यार आया.....

वो दिन रात हमारी परवाह करना
हमारे लिये तड़पते जज्बात पर प्यार आया....

वो हमारे चेहरे पर रुकी आपकी नजर
उस नजर में छिपी फिक्र पर प्यार आया.....

कभी जो आँख भर आयी,तो सीने से लगाया
आपके सीने पर गिरे उस अश्क पर प्यार आया.....

मेरी पहचान ,आपके नाम से है
मेरे नाम से जुड़े आपके नाम पर प्यार आया.....

दिल को समझनेवाला,आप-सा साथी पाया
तो हमें हमारी किस्मत पर प्यार आया.....

दिल चाहता है



हर पल मैं तेरे पास रहू
दिल चाहता है ,साया बनकर साथ चलू.....

वो तेरी सादगी , हमे जरा उधार दे दे
तेरी सादगी में रंग जाऊ,
हाथों में लेकर हाथ.....
आसमाँ तक तेरे साथ चलू......
जी चाहता है......

वो तेरा प्यार,बरसता बेशुमार
जी भर के भीग जाऊ,
मेरी दुनियाँ है तू               
इसी दुनियाँ मे मैं जिऊँ, मर जाऊं
जी चाहता है........!!!

Thursday 25 October 2018

काय करशील

गुलाब जेव्हा सुखेल, तेव्हा काय करशील ?
गंध ही न् उरेल, तेव्हा काय करशील ?

शब्द सारे मुके माझे, मुकेच त्यांना राहु दे
ओठांवर जर आले चुकुन ,तर तेव्हा काय करशील ?

खुप मजा वाटते ना, रूसताना....मनवताना
पण जिव्हारी जर टोचल काही,तर तेव्हा काय करशील ?

हे प्रेम,ही वचनं, चार डोळ्यांच्या भेटी तमाम
साथ जर सुटली मधेच, तर तेव्हा काय करशील ?

खुप वाटत काजळाच्या जागी तुलाच सजवावे डोळ्यांत

पण आला कधी पाऊस, तर तेव्हा काय करशील ...?

नाती जुळुन आली


नाती जुळुन आली
नाजुक बन्धनाची,
झाली खुली कवाड़े
बन्द ऱ्हदयाची....

झाली फुले असंख्य
माझ्या भावनांची,
खुलवी मनास माझ्या
ही जाण सुवासाची...

निस्तेज होत्या ज्या
मनात भावना
छेडूनी कोण गेलं ?
ही तार भावनांची.....

आले हळूच कोण?
डोळयांच्या वाटेने,
ऱ्हदयाच्या गावी
सत्ता तयाची......!!!

Sunday 21 October 2018

यूँ ना रूठा करो हमसे....


एक खामोशी आती है,एक खामोशी जाती है....
यूँ ना रूठा करो हमसे, हमारी मुस्कुराहट खो जाती है....!!!

कोई वजह नही रहती ,रोने की और मुस्कुराने की....
ये तनहा दर्द,हमे फिर खुदसेही नफरत होती जाती है.....!!!

हर एक साँस में,तुम्हारा ही अक्स शामिल है...
फिर भी न जाने क्यों, दिल को इतनी घबराहट हो जाती है....!!!

आँखों मे ये नमी सी है,होंठो पर हर बात थमी सी है.....
मुरझाई  खुशियोंको फिर इनकी आदत होती जाती है....!!!

आपकी ये अदा भी,कितना कहर ढाती है....
इस अदा से भी जनाब , हमको उल्फत होती जाती है......!!!

आँसू


लब की हँसी मैं सबको दिखा दूँ
आँसू आँखों के मगर किसमे छुपा दूँ.......

माँगा था मैंने रबसे मेरा कोई अपना
उसने ना सुन लिया मेरा ये कहना
देखा था जो मैंने ,टूटा वो हसी सपना
अधूरे सपने को मैं फिरसे सजा दूँ
टूटे सपने को मगर कैसे भुला दूँ.....

रूठे है अपने,रूठा है जग सारा
रूठ गया हमसे तो किस्मत का तारा
ऐसे में खफा है ये मन भी हमारा
दूजा कोई रूठे तो उसे पल में मना दूँ
रूठे मन को मगर कैसे मना दूँ.....

तनहाई का सागर हैं और गुम है किनारा
मैं हु अकेली , मुझे डर ने है घेरा
कोई भी नही है यहाँ मेरा सहारा
साथ जो तू दे तो नयी दुनिया बसा दूँ
मैं तो अकेली बस खुदको सजा दूँ.......!!!

याद

जब सूरज की चंचल किरणे
धरती रे मिलने आती है
घूँघट ओढ़ के अंधकार का
धरती पर प्यार लुटाती है
तब तेरी याद मुझको
पल पल तड़पाती है......
जब नदियाँ की धाराये
सागर से मिलने जाती है
जाकर उसकी बाहोंमे
सब क्लेश भूल जाती है
तब तेरी याद मुझको
पल पल तड़पती है

जब अंधेरी रातों में चांदनी
चाँद से बाते करती है
सुनकर उसकी बातोंको
खुदसे ही शरमाती है
तब तेरी याद मुझको
पल पल तड़पती है......!!!

खुशबू


कली कली खिली है
गली गली चली है
        इनकी खुशबू......

हवाओंके साथ ये चल पड़ी
सारे जहाँ से मिलने
सबके साँसों में बसकर
याद सुहानी बनने
ये तो नशीली है,
बड़ी रंगीली है,
       इनकी खुशबू.....

इसके लिए न् कोई भी है
अपना और पराया
कोई भी इनको साथ अपने
हमेशा ना रख पाया
ये तो मनचली है,
बड़ी जोशीली है,
       इनकी खुशबू.......

हम दिपक लाये है

हम दिपक लाये है
अँधेरा मिटाने के लिये,हम दिपक लाए है
पथ के सारे काँटे हमने फूल बनाये है....

घिसी-पिटी ये परंपरायें
इनको आज बदलना है
ज्यों भी होगी बात भले की
उनको ही अपनाना है
बनती किस्मत अपने कर्मों से
दुनिया को ये दिखाना है
आगे जो बढ़ चुके है,हम बने उन्ही के साये है.....
पथ के सारे काँटे हमने फूल बनाये है.....

आगे हम बढ़ चुके है
साथ हमारे सब आओ
अंधकार ये दूर करो
उजियाले को अपनाओ
कौन अपना,कौन पराया
पलभर ये सब भूल जाओ
उनको भी अपने साथ ले आओ जो बने पराये है....
पथ के सारे काँटे हमने फूल बनाये है..... !!!

Friday 19 October 2018

अस झाल तर......


असं झालं तर,
कधितरी..........
विरहाचे दुरवर पसरलेले किनारे असतील....
आभाळी पौर्णिमेचा चंद्र न् त्याचे इशारे असतील....
आणि समोर तू.....
कधितरी अचानक
असं झालं तर.......

सुन्या सुन्या रात्रि, ढगांच्या आड़ लपलेला चंद्र असेल.....
चांदन्यांच्या मैफिलित, वाऱ्यासोबत झुलनारा, मोगऱ्याचा गंध असेल....
तुझ नाव ओठांवर असेल...
न् समोर तू....
कधितरी अचानक
असं झालं तर.....

सकाळची रम्य पहाट असेल.....
वाऱ्याची मऊ मखमली
शहारे आणणारी साथ असेल.....
डोंगराच्या माथ्यावर सजलेला.....लाल लाल.... सूर्याचा टिळा असेल.....
त्या लालेलाल बिंबात तुला पाहत....
डोळे घट्ट मिटून घ्यावेत....
तुला तसेच डोळ्यात साठवून, हलकेच डोळे उघडावेत
न् समोर तू....
कधितरी अचानक
असं झालं तर.....

शांत शांत संध्या असावी....
आसपास कुणीही नसाव.....
मी एकटी.....अशीच
मन तुझ्या आठवणीत हरवलेलं असावं....
आणि तू यावस्.....
कधितरी ....
असं झालं तर......

हे ढग, बेधुंद व्हावेत,
रिमझीम सरींणी धावत येऊन....धर्तीला घट्ट बिलगावं....
माझ्यासारखं तुझही मन,
मला भेटाय आतुर व्हावं...
तू यावास....मला भेटाय....
कधितरी .....
असं झालं तर.....

एकांत असावा....पहिलाच पाऊस.....
पानांवरुन टिपटिपणारे पावसाचे थेंब.....
ओली थंड हवा...इंद्रधनुचा झुला......
नीळी सावळी.... आभाळाची सावली......
न् तू माझ्यासोबत
कधितरी ......
असही झालं तर.....

तुझ्या वाटेवर......


हळूच येतोस .....न निघुन जातोस....
कधी येतोस .....कधी जातोस.....
क्षणात इथे तर क्षणात कुठे ?
तुझ्याशी जणु पाठशिवनिचा खेल खेलत असते....
मी बस तूझ्या वाटेवर....
स्वतःला पांघरुन.....तुझी वाट पाहत असते.......

अंगणातील चाफा.... मंद मंद दवळत असतो....
हवेतील गारवा.....उगीचच शहारत असतो.....
तुझ्या उंबऱ्यावर ....थांबलेली रात्र
हलकेच डोळे मिटून,
तुझ्या आठवणीत दाटुन,
हळू हळू पहाटेच्या रथाकडे चाललेली असते....
तिला अडवत असते......
तुझ्या वाटेवर तिला मी आळवत असते......

तुळशी जवळचा दिवा.....त्यातील ती ज्योत....
वा-याने जेव्हा हालत असते....
एक सावली.….. घोट घोट करून मला पित असते....
क्षणभर घाबरून,
डोळे मिटून,
तशीच, तिथेच मी थांबलेली असते........
तुझ्या वाटेवर मी मलाच सावरत असते.....

ती पानांची सळसळ..…...
काजव्यांची चमचम....
किर्र अंधरातली ती अबोल चंद्रवेल.....
दुरुनच येणारी ती तुझ्या पावलांची चाहूल.....
थोड़ी थोड़ी
माझ्याकडे येणारी तुझी सावली.....
त्या सावलीत हरवत असते....
तुझ्या वाटेवर.... तूझ्यात हरवत असते…...

आता न बाकी उरावे .....
तुझ्या माझ्यातले दुरावे....
तू....तू न रहावे....
मी..... मी न रहावे....
तुझ्यात उतरून
बस तू.... तूच बनून जावे...….
तुझ्या वाटेवर ....तुझ्या न् माझ्या प्रमाचे चांदणे फुलावे.....….
तुझ्या वाटेवर.......!!!

Thursday 18 October 2018

धोका


 तूझ्या मुक्या शब्दांना
समजत होते
सन्मान माझा...
पण त्याच अबोल
शब्दांनी केला
अपमान माझा...

तुझ्या डोळ्यातील
खोल भावनांना
समजत होते
अलंकार माझा....
पण त्याच खोल
भावनांनी केला
संहार माझा......

तुझ्या वागण्यातील साधेपना
वाटत होता
अनोखा मला....
पण त्याच साधेपणाने
दिला धोखा मला....

तुझ्या माझ्या प्रेमाची
बांधली होती मी पूजा
पण त्याच प्रेमाने

Monday 15 October 2018

ऋतु घेऊनी आला


भ्रमर सांगते हळू फुलाला
प्रितिला रंग आज घेऊनी आला
ऋतु घेऊनी आला......

सांग कुणा भेटाया ही नदी चालली
कुण्या साजनाची मनी प्रीत जागली
ओढ़ कशाची तिच्या जीवा लागली
ओढ़ मिलनाची तीला लावुनी गेला....
ऋतु लावूनी गेल....

सांग ही हवा का आज अशी धावते
गुपित कोणते ही साऱ्याना सांगते
ऐकून बोल कळी-कळी लाजते
लाजेला साज नवा देवूनी गेला.....

ऋतु देवूनी गेला....…!!!

Marathi qoutes

माझ्या डोळ्यांना 
तुझेच रूप भावले
मनही झाले वेडे
तुझ्याकडेच धावले....

Maiya dolyana
Tuzhech rup bhavle
Manhi jhale vede
Tujyakadech dhavle

चांदण्या रात्रि
 तुझा हात हाती
नयन माझे पाहती 
तुझी अबोल प्रिति

Chandnya ratri
Tuza hat hati
Nyn maze pahari
Tuzi abol priti

एकांताच्या क्षणी
वारा स्पर्शून जातो
जाता जाता हळूच
तूझ्या नावाने छेडतो

Akantachya kshani
Vara sprshun jato
Jata jata khuch
Tuzya navane chedto


माझ्या डोळ्यात अनेकदा
तुझे रूप विसावले
पण माझ्या मनीचे भाव
तुला कधीच नाही कळले

Mazya dolyat anekda
Tuze rup visavle
Pn mazya mniche bhav
Tula kadhich nahi klle

आकाशीचा चंद्र सख्या तू
 चांदणी मी तर तुझी
सात जन्मांची सोबत सुंदर
आहे तुझी न माझी

Aakashicha chandr skhya tu
Chandni mi tr tuzi
Sat jnmanchi sobt sundr
Aahe tuzi n mazi

खेळ झाला नजरेचा
अगदी योगायोगच
पण उगम झाला प्रेमाचा
ना शब्दांची गरज भासली
नाही वचनांची सोबत
फक्त एक बन्ध ओढीचा
मनामधे फुलविनारा
वसंत प्रेमाचा

Khel zala njrecha
Agdi yogayogch
Pn ugm zala premacha
Na shabdanchi grj bhasli
Nahi vchnanchi sobt
Fkt ak bnd odhicha
Mnamdhe fulvinara
Vsnt premacha

तुझ्या एका हाकेसाठी
किती पाहावी वाट
माझी अधीरता मोठी
तुझे मौनही अफाट

Tuzya aka hakesathi
Kiti pahavi vat
Mazi adhirta mothi
Tuze mounhi afat

एकटी मी


एकटी मी
एकटी मी माझी व्यथा
सांगू तरी कुणाला
बहिऱ्या  झाल्या दशदिशा
साद घालु कशी तुला...

जिकडे तिकडे वावरतात
शरिरे माणसांची
शोधुनही ना मिळे
ओल कुठेच माणूसकीची...

नाव आहे माणूस
परी अर्थ ना त्या शब्दाला
माणूस म्हणवून घेतात सारे
दिशाहीन जगण्याला...

माणूस झाला इतका स्वार्थी
जान ना उरली माणूसकीची
स्वतःपुरता जगतो आहे
पर्वा ना त्याला कुणाची.....…!!

Friday 12 October 2018

अंधार


अंधार
अंधार आवडतो आता
खुप आवडतो
रात्रीचा .....काळाकुट्ट
सगळीकडे पसरलेली शांतता ....
न तो अंधार
आवडतो…...
जो लपवतो फ़सवे दिखावे
खोटे मायाजाल

टुटलेल्या स्वप्नांची .... भंगलेल्या मनाची
अजूनही साथ आहे......
बाकी तर कही नाही.....
शून्यात पाहणाऱ्या नजरेला .....थकलेल्या पापण्यांना
उधार ध्याव लागनाऱ्या झाेपेची साथ आहे...
शांत झोपवणाऱ्या गोळ्यांचा संग...
आवडतो.....

कधी घाबरायची या अंधाराला.....
डोळे मिटून.....श्वास रोखुन...
थरथरनाऱ्या या वेडीला ....
माहित होत..….
तू आहेस…..तुझी साथ आहे....
आत्ता.... तुझ्या नसण्याने.....
भानही नाही.....
आंधारचे....ना भीतिचे.....
प्रकाश....तु नसल्याची जाणीव करून देतो......
अंधार......तू येशील म्हणून सांगतो...
 मला समजवणारा....हा अंधार....
आवडतो.....

नकळत



माझ्याही नकळत......कुठे कुठे मी रमते ....
ना कुठे थांबते....बस... मनातून धावते....
कधी पावसाच्या सरित ओलिचिम्ब भिजते.....
कधी फुलाच्या गंधात दरवळून निघते......
कधी निळ्या आभाळी चांदन्यांशी खेलते....
कधी दूर रानात वाऱ्यासोबत धावाते......
सुख दुःख यात नाही अडकायच......
हसुन या दोन्हीना पार करते
 ऊन सावली.....अशीच....अलगद झेलते...
तरीही नकळत इथे वा तिथे उरते....!!!

Wednesday 10 October 2018

Hindi quotes

◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆  



ना कमी किस चीज की है
ना कमी किस राह की
बस कमी है मेरे दिल मे 
मंजिलों की चाह की.....!!!

Na kmi kis chij ki hai
Na kmi kis rah ki
Bss kmi hai mere dil me
Mnjilo ki chah ki....!!!


◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆



छोड़ भी दोगे तुम 
तो हम न करेंगे गम
पर जिन्दगीके सफर में 
फिर न मिलेंगें हम....!!!

Chod bhi doge tum
To hm n krenge gm
Pr jindgi ke sfr me
Fir n milenge hm....!!!



◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆


चाहते तो तुम एक बार
अपना कह देते मुझको
औरों के लिए कई बार
हमने परेशान देखा है तुमको......…!!

Chahte to tum ak bar
 Apna Kah dete mujko
Oro ke liye kai bar
Hamne pareshan dekha hai tumko.....!!

◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆


प्यार देखा था तेरा
आज गुस्सा भी देख लिया
प्यार से ज्यादा हमे तो
तेरा गुस्सा ही भा गया......!!!

Pyaar dekha tha tera
Aaj ghussa bhi dekh liya
Pyaar se jyada hume to
Tera Ghussa hi bha gaya.....!!



◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆

हमे तो उजाला मिला है
डूबकर अंधकार में
जाने क्या-क्या खोया हमने
जाने क्या पाया प्यार में.....…??

Hume to ujala mila hai
Dubkar andhakar me
Jane kya-kya khoya humne
Jane kya paya pyaar me.....??
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆

मेरी शमा बुझाकर
मैंने तेरी शमा जला दी है.....
खून हूआ है अरमानों का
फिर भी मैंने तुझे दूआ दी है..…... !!!

Meri shama bujhakar
Maine teri shama jala di hai
Khun huaa hai armano ka
Fir bhi maine tujhe duaa di he.....!!!

◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆

दस्तूर दुनिया के.....

दस्तूर दुनिया के........

जब रिश्ते नाते बिखर गए
गैरों में फिर हम चलते हैं
जब सुननेवाला कोई नही
तो खत्म कहानी करते हैं....

राह बनायी बड़े जतन से
काँटों को हटाया पल्को से
जब घर तक उनको आना ही नही
तो बंद दरवाजे करते है.....

कहने को बहारे अब भी है
रंगीन नजारे अब भी है
पर साथ न हो देनेवाला
तो चुपचाप आह भरते है.....

जी कर भी इतने बरसों में
दस्तूर न समझें दुनिया के
जब मिलता नही सुकून यहाँ
तो उस दुनिया मे चलते है......…!!!



सपना

सपना

बनके सपना सलोना
    तेरी आँखों में
        छुप जाऊ ।।
आँखों के रस्ते से
     तेरे दिल में
          उतर जाऊ।।

तो कभी बनके हवा
      तेरी सांसों में
          समा जाऊ।।
जाके दिल मे तेरे
       धड़कन में
           गुम हो जाऊं।।

बनके तेरा साया
        तेरे साथ हमेशा रहू
होतेही घना अँधेरा
     अपने आँचल में
           तुझे छुपाऊ।।

Monday 8 October 2018

सूर्यनमस्कार से पाए डिप्रेशन में राहत।

     ● योगा हमारे प्राचीन हिंदू संस्कूति कि देन है।तब हमारे ऋषिमुनि योग ध्यान से अपनी आंतरिक शक्ति को जागृत करते थे।अपने आत्मबल को मजबूत करते थे।उन्होंने योग साधना से अपने अंदर बहोतसी शक्तियां जागृत की थी।वह योग को एक प्रकार की तपस्या मानते थे।
     पहले के जमाने मे योग केवल ऋषि मुनि ही किया करते थे,लेकिन आजके जमाने मे हर कोई योगा जानता है और इससे होनेवाले लाभों को मानते भी है।योगा आज सब की पसंद बना है।मतलब पसंद बना है या जरूरत ये चर्चा का मुद्दा है,लेकिन आज कल बहोतसे लोग योगा करके खुदको fit रखने की कोशिश कर रहे है।योगा के बहोत सारे प्रकार है, जिससे हमे अलग अलग लाभ होते है।लेकिन सूर्यनमस्कार एकमात्र ऐसा योगा है जो सारे योगा के और fast exercise दोनों के लाभ देता है।
   डिप्रेशन में सूर्यनमस्कार बहोतही लाभदायी साबित होता है।इससे शरीर को ऊर्जा ओर vitamin D मिलता है।सूर्यनमस्कार सुबह खुले में उगते सूरज की ओर मुँह करके करते है। इसके कुल 12steps है।जिनका शरीर पर अलग अलग तरह से प्रभाव पड़ता है। 

●सूर्यनमस्कार के steps

1 प्रनामआसना
सूरज की ओर मुँह करके दोनो हाथ जोड़कर खड़े रहिये।मन को रिलैक्स कीजिये।शांत मन से सामने उगते हुए सूरज को देखिये ।

2 हस्तउत्तानासन
अब गहरी सांस लेकर दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाये।कमर के ऊपर का हिस्सा पीछे की ओर झुकाए।गर्दन को भी पीछे की ओर झुकाए।

3 हस्तपादासन
अब आपको आगे की ओर झुकते हुए साँस बाहर की ओर छोड़नी है।हाथों को धीरे धीरे कानों से लगते हुए पीछे की ओर ले जाना है।हाथों से जमीन को touch करे।घुटनों को एकदम सीधा रखें।कुछ क्षण इसी स्थिति में रहे।

4 अश्वसंचालासन
दोनो हाथ जमीन पर रखे।साँस अंदर की ओर लेते हुए दाये पैर को पीछे की ओर ले जाये।गर्दन को ऊपर की ओर उठाये।कुछ क्षण इसी स्थिति में रहे।

5 अधोमुखश्वानासन
साँस धीरे धीरे छोड़ते हुए बाए पैर को पीछे की ओर ले जाये।शरीर का पूरा भार हाथ के पंजों ओर पैरों के उंगलियोंपर हो।दोनो पैरों की एड़ियां परस्पर मिली हुई हो।गर्दन को नीचे अंदर की ओर झुकाए । 

6 अष्टांगनमस्कारासन
 इस स्थिति में धीरे धीरे साँस ले और अपने शरीर को जमीन के समांतर रखे।जैसे आप दंडवत प्रणाम करते हो उसी तरह।घुटने ,छाती और सर जमीन से जुड़े हो।छाती को थोड़ा ऊपर उठाये।

 6 steps के बाद फिर उन्ही 6 steps को उल्टे क्रम में दोहराना है।

7 भुजंगासन
साँस धीरे धीरे अंदर लेते हुए छाती को आगे की ओर खिंचे ।हाथो को जमीन पर ही रखिये ओर गर्दन को धीरे धीरे पीछे की ओर ले जाएं।घुटने जमीन से जुड़े हो और पैरों के पंजे खड़े हो।

8 अधोमुखश्वानासन
इस स्थिति में साँस धीरे धीरे छोड़ते हुए बायें पैर को पीछे की ओर ले जाएं।दोनो पैरों की एड़ियाँ परस्पर मिली हुई हो।गर्दन को नीचे अंदर की ओर झुकाए।यह स्थिति पांचवीं स्थिति के समान है।

9 अश्लसंचालासन
यह स्थिति चौथी स्थिति के समान होती है।दोनों हाथों को जमीन पर रखिए।साँस अंदर लेते हुए दाये पैर को पीछे की ओर ले जाएं।गर्दन को ऊपर उठाएं।

10 हस्तपादासन
यह स्थिति तीसरी स्थिति के समान है।आगे की ओर झुकते हुए साँस धीरे धीरे बाहर निकाले।हाथोंको कानों से लगाते हुए नीचे लेकर जाएं और हाथों से जमीन को छुए।घुटनों को सीधा रखें।

11 हस्तउत्तानासन
यह स्थिति दूसरी स्थिति के समान है।साँस धीरे धीरे अंदर लेते हुए दोंनो हाथों को और गर्दन को पीछे की ओर झुकाए।

12 प्रणामासन
यह स्तिथि पहली स्तिथि के समान रहेगी ।
सूर्यनमस्कार करने के बाद शवासन करे।


इन 12 steps से आप आसानी से सूर्यनमस्कार कर सकते हो।इन steps को क्रमबध्द रूपसे ही करना होता है।

सूर्यनमस्कार करते समय आप सूर्य भगवान के 12 नामोंका मन्त्र के साथ उच्चारण भी कर सकते है।12 steps के साथ 12 मन्त्र इस तरह से है........

ॐ सूर्याय नमः
ॐ भास्कराय नमः
ॐ रवये नमः
ॐ मित्राय नमः
ॐ भानवे नमः
ॐ खगाय नमः 
ॐ पुष्णे नमः
ॐ मारिचाये नमः
ॐ आदित्याय नमः
ॐ सावित्रे नमः
ॐ आर्काय नमः
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः


Wednesday 3 October 2018

डिप्रेशन__ एक बढ़ती समस्या

● डिप्रेशन क्या है ?
    Depression  यानी के अवसाद, जब किसी व्यक्ति के व्यवहार में कोई बड़ा परिवर्तन आता है तो उसे मनोदशा कहते है और जब मनोदशा में विकार आता है तो उसे डिप्रेशन कहते है। ये जैसे आज कल common बात हो गयी है। दिन में कई बार हम सुनते है अपने आस पास के लोगो से की ,मैं थोड़ा depress हु , मुझे टेंशन है ,मैं दुखी हूं , परेशान हु , लेकिन जो छोटे-छोट problem या दुख तकलीफ है वह डिप्रेशन में नही आते। 
    Depression का मतलब है आंसू खत्म होने तक रोना ,हर पल उदास रहना , आहे भरना,किसी भी तरफ बे वजह देखते रहना,जब तक के आँखे थक न जाये क्योकि आप पलक झपकना भूल जाते है ,आप अपने आप को भूल जाते है ।
   Positive सोचने की और बेहतर result तक पहुचने की इंसान की capacity कम हो जाती है। उलझे सवाल और निराश करने वाले जवाब किसी इंसान को उस मोड़ पर ले जाते है जहा उम्मीद का हर दिया बुझ  जाता है ।नतीजे खतरनाक हो जाते है, ऐसे में जरूरत होती है सही वक्त पर सही इलाज की और अपनो का साथ-प्यार और अपनेपन की .....।

                                                       

● डिप्रेशन के कारण                                                                                              

Depression के कई कारण हो सकते है ,जैसे कि मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति , अपमान ,भय, office के कड़े नियम , आत्मविश्वास की कमी ,प्यार का अभाव इन वजहो से डिप्रेशन का शिकार हो सकता है ।कुछ लोग घर की समस्या जैसे कि गरीबी ,अशांति, पैसो की तंगी, आपसी झगड़े इन वजह से डिप्रेशन में जाते है। हर छोटी बात पर अधिक विचार करने लगते है । तो कुछ लोग अकेलेपन से ग्रासित होकर डिप्रेशन के चपेट में आ जाते है। अकेलापन  व्यक्ति के जीवन मे बहूत ही गलत प्रभाव डालता है। एक अकेला इंसान अपने खाली समय मे क्या क्या सोचता होगा ,कैसे कैसे विचार उसके मन मे आते होंगे ।यही सब  धीरे धीरे उसे डिप्रेशन की ओर धकेलता है।इसी के साथ कुछ लोग शारिरिक कमजोरी और रोगोंके कारण भी चिंतित रहते है और अपना संतुलन खो बैठते है और डिप्रेशन का शिकार बनते है। बेरोजगारी भी डिप्रेशन का एक और कारण है। बहोत से ऐसे छात्र है जो बडी कठिनाइयों से अपनी पढ़ाई पूरी करते है लेकिन उनको अच्छी नौकरी नही मिल पाती और वे डिप्रेशन का शिकार जो जाते है।।                                             

● डिप्रेशन के लक्षण                                                                        

1.उदास या परेशान रहना ।                                                                                   २. बातो बातो में खुदको कोसना।                                                                            ३.रोज़ के कार्यो में मन न लगना।                                                                            ४. खुदको बेबस , अकेला महसूस करना।                                                                  ५. बात बात पर चील्लाकर या झल्लाकर जवाब देना।                                                ६.अकेले रहना ,अकेलेपन में रोना।।                                                                         ७.बहोत सोना या बिल्कूल  नींद न आना ।                                                                ८.कम खाना या बहुत ज्यादा खाना ।                                                                       ९. एकाग्रता की कमी होना।                                                                                    १०.मन में आत्महत्या के विचार आना।।                                                                          

● डिप्रेशन के प्रकार                                                                                  १. मेजर डिप्रेशन - किसीका साथ अचानक खत्म होना। कोई अपना जिसे आप सबसे ज्यादा चाहते हो उसकी अचानक से मौत हो जाना या उससे हमेशा के लिए बिछड़ना । ऐसी परिस्थिति का अचानक से सामना करना पड़ा और इंसान ये सहन ना कर पाया तो   इस प्रकार का डिप्रेशन उसे घेर लेता है ।                                                                  २. सायकोटिक डिप्रेशन - इस प्रकार के डिप्रेशन में इंसान वास्तविक जिन्दगीसे दूर होकर काल्पनिक चीजो में यकीन करने लगता है, उसे अनजानी आवाजे सुनाई देती है, वो खुद से ही बाते करता नजर आता है । मन उदास रहता है और व्यक्ति को ऐसे लगने लगता है जैसे सब कुछ खत्म हो गया है ।                                                                                    ३.मानसिक डिप्रेशन-अपनी सामान्य जिंदगी में इंसान बहुत अकेलापन महसूस करता है, उसे लगता है कि वह बहुत बुरा है सभी लोग उसके खिलाफ़ है, उसे कोई पसंद नही करता ,ऐसे में वह कोई भी खुशी Enjoy नही कर पाता।                                                            
● डिप्रेशन के उपाय                                                                                                 
बदलते lifestyle में डिप्रेशन की बीमारी आम हो रही है।बड़े बड़े शहरों से निकल कर यह बीमारी छोटे शहरों औऱ गावो तक पहुच गयी है ।,इस बीमारी का शिकार यूवा वर्ग ही नही बल्कि बुजुर्ग और छोटे बच्चे भी है।यह एक सामान्य सी दिखने वाली पर खतरनाक नतीजो तक ले जाने वाली बीमारी है ।जरूरत है इस पर वक़्त रहते ध्यान देने की और सही इलाज करने  की ।                                                                                                          डॉक्टरी इलाज के साथ ही अपनेपन की ज्यादा जरूरत होती है ,जो पीडित को जल्दी इससे बाहर आने में मदतगार साबित होती है।अपनो का प्यार ,दोस्तो का साथ इंसान को इससे उभरने में सहायता करता है। डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को अपनों के साथ की और प्यार की ज्यादा जरूरत होती है।                                                                                          
                                                      

गोड गोजिरं बालपण

गोड गोजिरं एक बालपण.... पावसाच्या सरीनी भिजलेलं... स्वप्न ठेऊन होडिमधे.... त्याच्यापाठी वाहणारे..... त्याला काळजी फक्त त्या होडीची, चि...