हँसी पे तो तू जान निसार करे,
हम चाहते है,बहते आँसुओं से भी तू प्यार करे....
तड़पते जज्बात से भरे दिल की प्यासी रेत,
साहिल पे बैठकर लहरों का और कितना इंतजार करें....
दिल बेचता हैं आँखों को....बेमोल आँसू,
हम कबतक ये दर्द का कारोबार करें....
तेरे दामन से जुड़कर,तुझमे पनाह चाहते है,
ये दिल बेचारा ,तुमसे ये फरियाद कितनी बार करे...!!!
हम चाहते है,बहते आँसुओं से भी तू प्यार करे....
तड़पते जज्बात से भरे दिल की प्यासी रेत,
साहिल पे बैठकर लहरों का और कितना इंतजार करें....
दिल बेचता हैं आँखों को....बेमोल आँसू,
हम कबतक ये दर्द का कारोबार करें....
तेरे दामन से जुड़कर,तुझमे पनाह चाहते है,
ये दिल बेचारा ,तुमसे ये फरियाद कितनी बार करे...!!!
5 comments:
सुंदर .छान
Thanks
Nice. Chhan.
Thanks
A true and heart touching poem.
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