Thursday 29 November 2018

वडील......



आठवतात ते दिवस... .
जेव्हा,
सावली बनून तुम्ही सोबत होता....
डोक्यावर आभाळ नव्हतं,तुमचा हात होता.....
तुमचं सुख माझ्या सुखात असायच....
दुःख माझ तुमच्या डोळ्यातून वाहायच.….
बोट पकडून चालायला तर शिकवल.....
चालता आल्यावरही हात पकडूनच सगळीकडे नेल.....
मी जेवले ते माहित असायच.....
तरीही,आपण जेवायच्या आधी,तू जेवलीस ना म्हणून विचारायच.....
हसायची तर नेहमीच,का हसतेस म्हणून कधी नाही विचारायच....
गप्प जरा दिसले की लगेच,कोण काय बोलल तुला ? म्हणून आईकडे पहायच....
किती आठवणी त्या डोळ्यासमोर तरळतात
थेंब आसवांचे नकळत ओघळतात
काय होतात माझ्यासाठी ते सांगायचंच राहून गेल
शब्द येण्याआधी ओठांवर, विश्व माझ उधळुन गेल....
कळ उठते काळजात तो क्षण आठवला की
हुरहुर लावून गेल, ते तुमचं जाण अकाली
डोळे भरून पहा.... शेवटचे.... सांगत होती सारीजण
शेवटचे....?
शेवटचे....??
मनात घुमत होता हा एकच प्रश्न
ओल्याचिंब डोळ्यांनी पाहिला तो सोहळा
ती आंघोळ...ती आरती....कपाळावरील तो टिळा
पाहून हे सार.... कस सांगू....किती न कशी तुटले
आक्रोश किती-किती ऱ्हदयामधुन उठले
दूर तुमची चिता ....न माझ्यात मी
अकाचवेळी जळत होती
कितीतरी वेळ....
चिता शांत ही झाली
पण मी अजूनही जळतच आहे...
तुमच्या आठवणीत
रोज,थोड़ी थोड़ी....
तुम्ही गेलात...दूर
पण ऐका.....
मी रोज बोलावतेय तुम्हाला.....
आवाज देतेय, दाही दिशांना....
याव लागेल तुम्हाला....
किमान माझ्या स्वप्नात तरी.....
आणि येऊन..
परत एकदा थोड़ चालाय शिकवा.....
तुमच्याशिवाय कस जगायच तेहि शिकवा.....
दया आवाज परत एकवेळ....रानी रे......!!!

Tuesday 27 November 2018

शीर्षासन करने का तरीका और लाभ ।


शीर्षासन
शीर्षासन को योग शास्त्र में आसनोंका राजा कहते है।सभी आसनों में ये आसन श्रेस्ठ माना जाता है।मानव शरीर में कुल 435 प्रकार के स्नायु होते है।शीर्षासन से इन सभी स्नायुयोंको फायदा मिलता है।शरीर मे प्राणवायु का संचार बढ़ता है।शीर्षासन को वृक्षासन और कपालासन के नाम से भी जाना जाता है।

जानते है शीर्षसन क्या है,कैसे करते है और इसके फायदे क्या क्या है।

शीर्ष का मतलब होता है-सिर।यह आसन सिर के बल किया जाता है इसलिए इस आसन को शीर्षासन कहते है।यह आसन किसी भी ऋतु में,किसी भी जगह बड़ी आसानी से कर सकते है।सभी उम्र के लोगों के लिए यह आसन लाभदायी है।शीर्षासन करने से blood circulation और गुरुत्वाकर्षण दोनोंकी दिशा बदलती है।सिर के सभी अवयवों में खून का संचार ज़्यादा मात्रा में होने लगता है,इससे उनको मजबूती मिलती है।इस आसन से ज्यादा से ज्यादा फायदा पाना है तो जरूरी है कि यह आसन सही विधि के साथ किया जाए।

 शीर्षासन करने का तरीका
जमीन पर योगा मैट या कंबल बिछाए फिर उसपर बडासा तौलिया बिछाकर वज्रासन में बैठ जाएं।अब दोनों हाथों की उंगलियों को आपस मे सक्ति से जोड़ ले।अपने सिर को उस पर रखे।धीरे धीरे अपने पैरोंको ऊपर की और उठाये और इसे सीधा करने की कोशिश करे।साँस सामान्य रखे।शरीर का पूरा भार अब बाजुओं और सिर पर ले।कुछ देर इस स्थिति में रुक जाए।अब धीरे धीरे घुटनों को मुड़ते हुए पैरों को नीचें लेकर आये।



शीर्षासन करते समय इन बातों का ध्यान रखे.....

● शीर्षासन करते समय गर्दन पर ज्यादा भार न पड़े।

●शीर्षासन करते समय शरीर के किसी भी हिस्से पर ज्यादा तनाव महसूस हो रहा हो तो तुरंत शीर्षासन बंद करे और आराम करें।

● उच्च रक्तचाप, low BP,दिल की बीमारी इनसे पीड़ित व्यक्ति ये आसन ना करे।

●कमजोर नजर वाले जिनकी आँखों का नंबर 10 से ज्यादा है ऐसे लोक ये आसन ना करे।

●शीर्षासन करते समय आँखे बंद रखे।अगर आपने आँखे खुली रखी तो इसका आपकी आँखों पर बुरा असर हो सकता है।

● गर्भवती महिलायें ये आसन ना करे।

शीर्षासन के लाभ.....
शीर्षासन करने से पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथियाँ उत्तेजित होती है।

शीर्षासन करने से खून का बहाव सिर की ओर ज्यादा होता है जिससे आपके मस्तिष्क की मांसपेशियाँ अधिक कार्यक्षम हो जाती है और याददाश्त बढ़ जाती है।

तणाव दूर करके दिमाग शांत करता है।

पाचनशक्ति बढ़कर कब्ज में राहत मिलती है।

इस आसन से फेफडों की कार्यशक्ति बढ़ जाती है।

शीर्षासन से हल्के अवसाद में राहत पा सकते है।

शीर्षासन करने से लिव्हर को शक्ति मिलती है और उसकी कार्यक्षमता बढ़ जाती है।

गर्दन के स्नायु मजबूत बनते है।

ये आसन करने से चेहरे पर glow आता है।चेहरा आकर्षक और सुंदर दिखने लगता है।

शीर्षासन और हवा
शीर्षासन करते समय हवा का तेज बहाव आपकी ओर न आने पाएँ इसका विशेष ध्यान रखें।शीर्षासन करने से शरीर में ऊर्जा उत्पन्न होती है और पसीना आने लगता है।ऐसे में आप तेज हवा के संपर्क में आये तो पसीना evaporate होने लगता है और आपको ठंड लग सकती है।इससे blood circulation में बाधा उत्पन्न हो सकती है जिससे कमर और पीठ में दर्द,चक्कर आना, मेरुदण्ड में दर्द होना इस तरह की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती है जिससे आप अपना balance खोकर गिर सकते हो।
जिस जगह हवा तेज बहती है वहाँ कोई भी आसन नही करना चाहिए।शीर्षासन करते समय तो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहियें।जुखाम हो तो शीर्षासन करना बंद करे।नाक से साँस लेने में तकलीफ हो तो मुँह से साँस लेकर शीर्षासन ना करे।कोई भी आसन करते समय साँस नाक से ही ले,मुँह से साँस लेना हानिकारक हो सकता है।

Friday 23 November 2018

माझ्या मनातील

एक सागर तुझ्या डोळ्यातील, मला त्यात उतरु दे.....
गुन्हेगार आहे मी, मला बुडून मरु दे....!!!

Ak sagar tuzya dolyatil,mla tyat utru de...
Gunhegar aahe mi,mla budun mru de.....!!!

रवी आभाळी रेंगाळत आहे,त्याला डोंगराच्या कुशित शिरू तर दे....
मी पण जाईन माघारी,मला पूर्ण हारू तर दे....!!!

Rvi aabhali rengalt aahe,tyala dongrachya kushit shiru tr de....
Mi pn jain maghari,mla purn haru tr de....!!!

तुझ्या ऱ्हदयातील सागरात मला शोध,जर तिथे मी नसेन तर कुठेच मी नसेन....!!!

Tuzya rudyatil sagrat mla shodh,jr tithe mi nsen tr kuthech mi nsen.....!!!

तुझीच तर देण, कि मी जगायला शिकले....
तक्रार न करता, मनीचे घाव शिवायला शिकले.....!!!

Tuzich tr den ,ki mi jgayla shikle.....
Takrar n krta,mniche ghav shivayla shikle.....!!!

Thursday 15 November 2018

कुछ बातें दिल की.....


●हमारी जिद और आपकी अच्छाई , जब भी एकदूसरे से टकराते है....दर्द दोनों को होता है......आँख दोनों की रोती है......इस लड़ाई में हम जीतकर भी हार जाते है.....और आप हारकर भी जीत जाते हो...

● हम फूल माँगते है और आप बहार लाने चले जाते हो.....अदायें भी ऐसी है ,कि हम समझ ही नही पाते.....गुस्सा करे या गुरुर.....!!!!

 ●जज़्बात....
कुछ खामोश से,कुछ दफ़्न से....!!!

●चाँद मेरा है,आसमाँ मेरा है....
चारों और फैला ये उजियाला भी मेरा है...
न जाने क्यों,
फिर भी.....
डर रहे है हम,
छूने से चाँद को
लगता है....
जैसे जल जाऊंगी
मिट जाऊंगी...
इस डर से निजाद दो
कुछ यू हमे छुपा लो
अपनी साँसों में
आँखों मे....
ख़्वाबों में....
खयालों में....


●आज ना रोको हमे....आज रोने दो
आँसुओं में हर शिकवा.... कतरा कतरा कर बहने दो

हर आँसू को आपने अश्क सा संभाला
आज इन आँसुओं को पानी सा बहने दो

दफ़्न बहोत से जज्बात है,अनकहे कुछ गमों के साये
हर बेचैनी को आज दिल से मिटाने दो

लब्ज तो बेईमान से,इनपर ना भरोसा करो
दिल का हाल....दिल को कहने दो

हमने सुना बस वही,जो आपकी जुबां बोली
आपकी धड़कन की,आज खामोशी सुनने दो......


● ये तन्हाई, ये खामोशी
और हम....
अकेले....
अपने दिल की धड़कन सुनते.....
धड़कन में आपको ढूंढते....
बड़े दिनों बाद
आपको इतने करीब पाया
दिल मे आपका एहसास सा हो आया
आपको हमने अपनी साँसों में पाया
मेरे उदास होंठों की तुम खिलखिलाती मुस्कान लगे
रुक रूक कर चलती,साँसों की आप जान लगे
हमारे साथ चलता वो आपका साया
हम गुरुर करे ऐसी सौगात लगे.....

गोड गोजिरं बालपण

गोड गोजिरं एक बालपण.... पावसाच्या सरीनी भिजलेलं... स्वप्न ठेऊन होडिमधे.... त्याच्यापाठी वाहणारे..... त्याला काळजी फक्त त्या होडीची, चि...