मेरे दिल को समझ पाना
इतना भी मुश्किल नही
इक बार समझ लेते....
तो सारे शिकवे मिट जाते.......
कहते कुछ नही
चुपचाप बैठते हैं
शायद इसलिए बरसों निभा गयी
अगर बोलती कभी कुछ
तो सारे रिश्ते टूट जाते......
थोड़े पागल है,थोड़े जिद्दी भी
पर अपनों पर ही
नाराज होते है
गैरों से दूर ही रहते है
गैरों पर भरोसा करते
तो कबके लूट जाते......
जुबा से ना कोई बोले
की, हम अच्छे हैं
पर जानते सब ही है
दिल के हम सच्चे है
बुरे अगर हम होते
तो सब कबके हमसे रुठ जाते......!!!
इतना भी मुश्किल नही
इक बार समझ लेते....
तो सारे शिकवे मिट जाते.......
कहते कुछ नही
चुपचाप बैठते हैं
शायद इसलिए बरसों निभा गयी
अगर बोलती कभी कुछ
तो सारे रिश्ते टूट जाते......
थोड़े पागल है,थोड़े जिद्दी भी
पर अपनों पर ही
नाराज होते है
गैरों से दूर ही रहते है
गैरों पर भरोसा करते
तो कबके लूट जाते......
जुबा से ना कोई बोले
की, हम अच्छे हैं
पर जानते सब ही है
दिल के हम सच्चे है
बुरे अगर हम होते
तो सब कबके हमसे रुठ जाते......!!!
1 comment:
Very nice poem. Send on family group also.
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