Thursday 31 January 2019

मन माझही धावलं..तुझ्या पाठी

आज जाताना.....
तुला....
नाही अडवलं मी....
बस्स,
तुझ्यासोबत मन माझही धावलं....
तुझ्या पाठी-पाठी
आणि,
नेहमीसारखचं.....
तुला हे ही नाही कळलं....
बस,तुझ्या पाठी तेहि चालत राहिलं....
पाहायक होतं रे.....
माझी स्वप्न पूर्ण करायला ...
सूर्य माझा..
किती आणि कसा जळतोय ते...
तू तर कधीच नाही सांगत....
तुझ्या व्यथा....
मौनात लपलेल्या तुझ्या मनाला,
उलघड़ावं लागतं...अलगद
तुझ्याही नकळत.....
मनात तुझ्या,उतरावं लागतं....
तुझ्याही नकळत...
अलघडावी लागतात.....
एक एक दारं....
मनातील तुझ्या......
तुझ्याही नकळत....
किती रे वेगळ....
बंधन आपलं.....
कळत-नकळत.....
अवती भवती..... अकमेकांच्या
तुझ्या पाठी आलेलं .....मन माझं
असच....
माझ्या स्वप्नांच्या भिंति.....
उभारताना.....
ओघळलेले ......
तुझ्या घामाचे ते थेंब
मला जपायचे आहेत....
तुझ्या नकळत.....
साठवायचे आहेत.....
मला....
ओंजळीत माझ्या....
तुझ्या नकळत.....


Wednesday 30 January 2019

तुझ्याही नकळत तुला अडवते

आज सकाळी.....
तू जाताना......
खुप वाटत होतं..... तुला थांबवावं....
आज सुट्टी घे म्हणावं....
पण नाही..... काहीच बोलले नाही....
आणी,
मी न बोलता,तुलाही ते समजलं नाही.
बस्स.... तू पाहीलंस..... दोन क्षण,
आणि निघुन गेलास.
मी पाहतच राहिले.....
एकटक....तुझ्याकडे
तू नजरेआड होईपर्यंत.....
मी अडवलं तुला.....
मनात माझ्या.....
तुही थांबलास....मनात माझ्या
काही क्षण घुटमळलास....मनात माझ्या
विसावलास मनात माझ्या....
तू गेल्यावर ......तू येईपर्यंत
दवळत असतो....माझ्या अवती भवती....
तूझ्या मंद मंद ......गंद
दिवसभर मला सोबत करत असतात.....
घरातील तुझ्या पाऊलखुणा.....
बोलतात माझ्याशी...तुझ्या मौनातील वेडे शब्द....
पाहत राहते मला..... माझ्या चेहऱ्यावर खिळलेली तुझी नजर
तू असतोस....माझ्या सोबत....
माझ्यात भरून....


Monday 28 January 2019

चले जा रहे है

चले जा रहे है,
इस राह पर,
जिन्दगी के .......
कभी मोड़ आता है,
तो रुक जाते है..…
सोचते है
कुछ.....
फिर चल पड़ते है.....
रुक नही सकते ये कदम,
कभी पथरीला मोड़,
तो....
कभी धूप छाँव का खेल,
बदलते मौसम,
सब मंजूर है
कोई शिकायत नही.....
मुझे तो चलना है....
चलते रहना है.....


क्या कह रहे है ये नैन

समझ....
क्या कह रहे है ये नैन,
क्या बोल रहे है तेरे नैनों से
नजर के पार देख...
दिल की गहराई में उतर
आज आँसू
तेरा रास्ता नही रोकेंगे,
हमने कबका
उन्हें कैद कर रखा है...
ना ये पलके झुकेंगी
उठी नजर ये...
यू इस तरह,
जैसे हर हाल 
बया करना है....
हर चुप्पी तोड़नी है.....
नैनों को आज,
अपनी बोली बोलनी है......



Saturday 26 January 2019

शुर जवानांची ही भूमी

शुर जवानांची ही भूमी 
मलीन तिजला करु नका,
गुण तयांचे अंगीकारा
पोकळ त्यांना भजू नका...

देव मानूनी देशाला 
जनसेवेचे व्रत धरा,
गल्ली-गल्लीतुन देशभक्तिची
वांज गीते गाऊ नका....

तारुण्य हे वरदान असे
त्यास जपा निष्ठेने,
मुलींच्या मागे उगा फिरूनी
होळी त्याची करु नका.....

आई - बहीण रूप स्त्रीचे
असते लोभसवाणे,
कधी अचानक बनेल काली
इतके तिजला छळु नका....

अपूर्ण आहात स्त्रिशिवाय
सत्य एक हे मनी धरा,
कमी लेख़ूनी, कटु वाणीने
तिची अवहेलना करु नका....

स्तुति सुमनांची फुले उधळा 
सौन्दर्याच्या चरणी, पण
गुलाम होऊनी स्त्री सौख्याचे
लाळघोटेपणा करु नका....

पति-पत्नी दोन चाके
संसाररूपी गाडीची,
थोरपणाच्या लालसेपोटी
तिचे अस्तित्व गिळु नका...!!!

Monday 21 January 2019

जमाने की चलाखी

मजबूरियाँ, मुसीबते,आँसू..... इनसे है आजकल हमारी यारी,
गले तक तो डूब गये है,और कितना डुबायेगी ये समझदारी...

सही क्या,गलत क्या,हम करते रहे दोनों की तरफदारी,
दोनों को जिताने में,खुदको हार गए,ये हार पड़ी भारी...

ये नजर का धोखा था,या जमाने की चलाखी,
सोने के भाव मिट्टी खरीदी,थी ही नही मुझमें फितरत बाजारी...

मोल पूछने जब-जब गये रिश्तों का, खुद ही बिक आये
गिला औरों से क्या करे,मुझमें ही न थी होशियारी....!!!

Friday 18 January 2019

जिंदगी के नाम दो कवितायें



जिंदगी--एक


जिंदगी......

क्या है ये पहेली....?
पकड़ना चाहू,
तो हाथ ना आये....
छोड़ना चाहू,
तो पीछे पड़ जाये....
सोचू.....
आज खुल के मुस्कुराऊ
तो आँखों मे आँसू लाये.....
जब कभी गुमसुम बैठ जाऊ,
तो हँसाके चली जाये....
अपना मानू,
एक-एक रंग,
तो बेरंग सी सामने आये.....
छोड़ के सारे रंग,
उदासी की सफेद चादर
ओढ़कर....
चुपचाप बैठना चाहू,
तो.....
चारों और से,
रंगों की ....
बरसात हो जाये....
कभी हँसाती,
कभी रुलाती,
ये जिंदगी.....
हैं क्या ये पहेली.....?
मैफिलों की चाहत हो,
तो तन्हाई मिले.....
लोगों से भागना चाहू,
अकेले,खुदसे मिलने की,
बाते करने की
चाहत हो......
तो....
अचानक....
लोगों की भीड़ जमा हो जाये....
कभी....
जलते चिरागों से भी
रोशनी.....
अंधियारी सी लगे..
तो कभी....
काली रातों में,
चांदनी सुहानी लगे.....
क्या पाना है......?
क्या पाया है.....?
इसका हिसाब ना लगे.....
और कभी.....
सबकुछ खोकर भी
झोली भरी सी लगे.....
जिंदगी....
सच मे,
एक अबूझ पहेली है....
दिल से हँस के जी जाए
तो एक सहेली है,
रो के गवाई जाये
तो एक सजा है....!!!!


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जिंदगी--दो

जिंदगी.......

तू संग है,
तो....
सावन की रिमझीम
बारिश है.....
सितारों का मेला,
मेले में सजी महफ़िल है...
झरनों से बहता संगीत है.....
धड़कन में छुपी प्रीत है....
पंछीयोंकी प्यारी किलबिल है....
फूलों पर चमकती शबनम है....
जिंदगी,
सच कहें तो....
तुम हो.....जिंदगी
सारे जहाँ में,
तुम्हे देखती रही....
फूलों में
चाँद सितारों में
महकते नजरों में
हर एक जर्रे जर्रे में.....
मगर....
सच तो ये है
की....
तुझमे मेरा सारा जहाँ है....
मेरी जान का बसेरा है....!!!



Wednesday 16 January 2019

तुझमे पनाह चाहते है

हँसी पे तो तू जान निसार करे,
हम चाहते है,बहते आँसुओं से भी तू प्यार करे....

तड़पते जज्बात से भरे दिल की प्यासी रेत,
साहिल पे बैठकर लहरों का और कितना इंतजार करें....

दिल बेचता हैं आँखों को....बेमोल आँसू,
हम कबतक ये दर्द का कारोबार करें....

तेरे दामन से जुड़कर,तुझमे पनाह चाहते है,
ये दिल बेचारा ,तुमसे ये फरियाद कितनी बार करे...!!!

Monday 14 January 2019

पिता एक वरदान


पिता....एक ऐसा लब्ज है जो जुबान पर आते ही आँखों में अलगही चमक आ जाती है।दिल मे खुशी की लहर दौड़ जाती है।माथे पर लिखी किस्मतों की लकीरों पर नाज सा हो जाता है।खुशी का हर अहसास इस एक लब्ज में बंधा होता है।
पिता का साथ,प्यार और दुलार किसी वरदान से कम नही।मेरे लिए तो ये लब्ज ही मेरी दुनिया है।वो मेरे पास थे तब भी और आज नही है तब भी।
समझ ही नही आता उनको पाकर मैं सबसे किस्मतवाली लड़की बनी या उन्हें खोकर बदकिस्मती की आग में ज्यादा जली।
आज इस वक्त.....वो मेरे पास तो नही है,मगर कुछ तो ऐसा है जो मुझे हर पल,हर लम्हा संभाल रहा है।आज मैं जिंदा हूँ ये इसी बात का प्रमाण है कि वो भी है...मेरे पास,मेरे साथ।तभी तो इस जिस्म में जान अपना वजूद थाम पा रही है।साँसे चल रही हैं, दिल धड़क रहा है,जिंदगी महक रही है।
आज तक मैंने उन्हें हर रिश्ते में ढूंढा।हर गली,हर नुक्कड़ ,घर के हर कोने कोने में उनके निशान ढूंढ़ती रही.....वो यहाँ खड़े थे,वो वहाँ बैठते थे, वो इस जगह सोते थे,वो ऐसे बोलते थे,वो वैसे मेरी ओर देखते थे........ऐसी अनगिनत यादें.... उन यादों के साये नजर में भर से जाते हैं।इन सायों से गुजरकर कभी कभी मैं उनके पास जाती हूँ।खुदको छु लेती हूँ और यकीन आता है कि वो मेरे पास है।





जिंदगी के इस मोड़ पर कुछ नया सोचा, एक नई राह चुनी.......इस राह का ये पहला कदम मैंने उनकी याद को कलेजे से लगाकर बढ़ाया......ऐसा लगा कि वो मेरा हाथ पकड़कर मुझे एक बार फिरसे चलना सीखा रहे हैं।किसी मंच पर बोलना तो दूर मैंने तो खड़े रहने की भी कल्पना नही की थी,मगर आज मंच पर गयी भी और इतने अच्छे से बोली भी।





मुझे यकीन हैं, पिता पर लिखी मेरी ये पहली post और videos आपको पसंद आये होंगे।ये तो बस एक छोटीसी पहचान है।मैं अभी बहोत कुछ बताना चाहती हूँ।पिता के बारे में क्या अहसास है मेरे ,उन्हें आज भी कितना करीब महसूस करती हूँ..... ये सब मैं अपनी अगली post में बताऊँगी......

Friday 11 January 2019

आपका प्यार

आप का प्यार,प्यार से लिख नही पाउंगी
दिल के जज्बातों को,
आँखों के अंदर रोक नही पाउंगी

रुक जाती है कलम
शायद ये संभाल नही पाती
आपके प्यार का दरिया
कागज पर उतार नही पाती.....

मुझे लिखना है जो
शायद मैं लिख ना पाउ
आप समझ लीजिए वो राज
जो मैं बता ना पाउ.....!!!!

मेरे दिल को समझ पाना

मेरे दिल को समझ पाना
इतना भी मुश्किल नही
इक बार समझ लेते....
तो सारे शिकवे मिट जाते.......

कहते कुछ नही
चुपचाप बैठते हैं
शायद इसलिए बरसों निभा गयी
अगर बोलती कभी कुछ
तो सारे रिश्ते टूट जाते......

थोड़े पागल है,थोड़े जिद्दी भी
पर अपनों पर ही
नाराज होते है
गैरों से दूर ही रहते है
गैरों पर भरोसा करते
तो कबके लूट जाते......

जुबा से ना कोई बोले
की, हम अच्छे हैं
पर जानते सब ही है
दिल के हम सच्चे है
बुरे अगर हम होते
तो सब कबके हमसे रुठ जाते......!!!

Thursday 10 January 2019

मजाक हवा कर गयी

आज हवाओं में न जाने क्या बात थी
जरासी आहट हुई और मैं घबरा गई.....

कुछ पत्तियाँ तेज हवासंग,मुझसे लिपट गयी
कुछ पल मैं भी जरा चकरा गयी.....

ये अहसासों की बात थी,ये अलग कहानी थी
टूटी बिखरी वो पत्तियाँ, शायद मुझमे सहारा पा गयी....

वो अंजान थी,बेखबर थी,मेरी दास्तान से
जानती न थी वो,हवाओं में मैं भी खो गयी.......

ढूंढ़ रही थी,अपने पैरों के निशान
अपना आशियाँ, जहाँ से थी बिछड़ गयी.....

कभी मैं भी अपने आप्पा की लाडली थी
कभी उनकी गोद मे सोई थी
आज फिर एकबार उनसे मिलने की आस दिल मे जाग गयी...

मैं देख रही थी,यहाँ वहाँ,जैसे कबूल मेरी दुआ हो गयी
पर ये बस वहम था,आहट कर, मजाक मुझसे हवा कर गयी......!!!

Wednesday 9 January 2019

चाँद हैं खामोश...











जगमगाता आसमाँ....सितारोंका मेला
चाँद है खामोश.....क्या है मामला

क्या चाहत है दिल में
क्या आरजू है जगी
यू धुवाँ है बिखरा
ये कैसी आग,दिल मे है लगी

ये खामोशी कबतक जी
ये नाराजी क्यों है जी
क्या करे हम,कैसे मनाये
कैसे करे आपको राजी

हम तो पास ही है
आपसे दूर नही
हा थोड़े खामोश है
मगर बेखबर नही

आपके दिल मे आ ही गये है
तो फिर जाएँगे कहाँ
इस दिल के आगे
कोई रहगुजर नही

दर्द हमारा.....
आपकी आँखों से बहे
बेशक आप चाहो हमे
मगर इस कदर नही

आपके नाम ये 2 कविताएँ


साफ साफ समझेंगे
यू प्यार से समझाएँगे
तो क्या खाक समझेंगे,
दिल की चिंगारियों को भी
हम राख समझेंगे,
जरा गुस्सा तो लाईये,
लहेजा थोड़ा बदलिए,
तब जाकर ,हम हर बात
साफ साफ समझेंगे....!!!


हँसी माँग रहे हो
आँखों मे नमी लिए
हमसे हमारी हँसी माँग रहे हो
यू इस अंदाज में.....
हमारी खुशी माँग रहे हो,
या सजा सुना रहे हो
माँगकर भी क्या माँगा आपने,
हमारी हँसी....
चलो आज ये भी काम करते है,
अपनी हँसी आपके नाम करते है
ज्यादा ना सही,
थोड़ी बची है
संभाल कर रखना इसे
बड़ी नाजुक तितली है
जरासी हलचल हुई
तो उड़ जाएगी
अब की बार उड़ी
तो लौट कर ना आएगी !!!



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Tuesday 8 January 2019

जमाने के बदलते रंग








जमाने के बदलते रंग ने
हमे सबसे दूर कर छोड़ा है.....
खुद से बतियाते है,
कभी कलम से
डरने लगे हैं रिश्तों से,इतना मजबूर कर छोड़ा है

हैरानी ये नही
की हमनें इंसानों से दूरी बना ली है
झुलसते भरोसे संग
फ़रिश्तों को भी हमने बीच रास्ते छोड़ा है

ना दर्द का मलाल
ना सुकून का खयाल
ऐसे पत्थर को न जाने क्यों
उस खुदा ने
अभी तक जिंदा छोड़ा है......

गोड गोजिरं बालपण

गोड गोजिरं एक बालपण.... पावसाच्या सरीनी भिजलेलं... स्वप्न ठेऊन होडिमधे.... त्याच्यापाठी वाहणारे..... त्याला काळजी फक्त त्या होडीची, चि...