Wednesday 31 October 2018

बाकी हम ठीक है



आप्पा.…..
याद बहोत आ रही है आपकी,और कुछ नही.....
बाकी हम ठीक है....

हँसते-हँसते आँख भर आती है यू ही,
बोलना चाहते है कुछ , पर चुप बैठते है यू ही ,
दिल मे कसक उठती है,आह निकलती है यू ही
बेचैन होते है थोड़े, और कुछ नही.....
बाकी हम ठीक है....

रास्ते से गुजरते है तो, पिछे मुड़कर देखते है यू ही,
शायद आप बुला रहे हो, ऐसा लगता है यू ही,
रास्ता तो साथ है पर पैर नाराज है यू ही
रुक जाएँगे थोड़े,फिर चल पड़ेंगे....ओर कुछ नही....
बाकी हम ठीक है.....

रात होते ही....आसमान की ओर देखते है यू ही,
शायद कोई तारा टूटे तो आपको माँग लू यू ही,
कोई तो दुआ मंजूर हो जाए यू ही,
खड़े रहते है बेताब होकर वही....और कुछ नही....
बाकी हम ठीक है....

हँसकर छुपाते है, आपकी हर याद,दबाते है दिल मे यू ही,
उदास देखकर कोई पूछे तो, टालते है हर बात यू ही,
दिल भर आता है,तो मुँह फेर लेते है यू ही,
कोई पूछे तो,बोलते है आवाज सँभालकर.....और कुछ नही......
बाकी हम ठीक है.......!!!

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