Friday, 21 December 2018

तुम ही हो

तुम ही हो
जो मुझसे झगड़ा करते हो,
झुठा गुस्सा करके.....फिर प्यार जताते हो

तुम ही हो
जो बातें हजार करते हो
तो कभी खामोशी.... आँखों से बयान करते हो

तुम ही हो
सुबह की वो पहली किरण
जो जिंदगी में जान भरने की पहल करती है

तुम ही हो
आँखों मे बसा सुनहरा सपना
हर जवाब है जिसमें....... वो हसीन सवाल हो

तुम ही हो
मेरा आसमाँ..... दूर तक फैला
हुँ तो मैं जमीन.... पर अधूरी तेरे बिना

तुम ही हो
मुझसे जुड़ा .....मेरा साया
जिंदगी का वो रास्ता,जो मेरे साथ.....साँसों के पार भी चलेगा

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